chander-bhushan Archive
आचार्य चन्द्र भूषण बिजल्वाण जी का वेद, कर्मकांड,यज्ञ, ज्योतिष,वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ के क्षेत्र में एक सुप्रसिद्ध नाम है । आपका मूल जन्मस्थान देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपदान्तर्गत माँ गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री है आपका जन्म एक पौरोहित्य ब्राह्मण परिवार में में हुआ है आपके परिवार का नाम कई पीढ़ियों से ज्योतिष, वेद कर्मकाण्ड आदि के क्षेत्र ख्यातिप्राप्त रहा है वेद कर्मकाण्ड पूजापाठ आदि पौरोहित्य कर्म करना आपके परिवार की वंश परम्परा रही है और आप भी पिछले 25 वर्षों से चंडीगढ़ के सेक्टर 24 के सुप्रसिद्ध सनातन धर्म शिव मंदिर में एक वरिष्ठ अर्चक के रूप में अपना दायित्व निभा रहे है ।
अजा एकादशीव्रत कथामहात्म्य भादों कृष्णपक्ष की एकादशी युधिष्ठिर बोले कि हे जनार्दन! अब आप मुझे भाद्रपद मास कृष्णपक्ष की एकादशी के बारे में बतलाइये। उस एकादशी का क्या नाम है तथा इसकी क्या विधि है …
कामिका एकादशीव्रत कथामहात्म्य श्रावण कृष्णपक्ष की एकादशी कुन्ती पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर बोले कि, हे भगवन्! अब आप मुझे श्रावण मास के कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम क्या है? तथा इसकी विधि क्या है इसमें कौनसे …
चातुर्मास्य व्रत की विधि कुन्ती पुत्र युधिष्ठिर बोले कि हे भगवान्! विष्णु भगवान का शयन व्रत किस प्रकार किया जाता है। सो सब कृपापूर्वक कहिये श्रीकृष्ण बोले कि राजन् अब मैं आपको विष्णु के शयन …
देवशयनी (पद्मा) एकादशी व्रत कथा महात्म्य आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी धर्मराज युधिष्ठिर बोले कि हे भगवान्! आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम है ? और उस दिन कौन से देवता की …
महर्षि अत्रि का आश्रम – रामायण कथा जब भरत चित्रकूट से वापस अयोध्या लौट गये तो राम ने लक्ष्मण से कहा, हे सौमित्र! माताएँ वापस चली गईं इसलिये मेरा हृदय उदास तथा उद्विग्न हो गया …
भरत का अयोध्या लौटना – रामायण कथा राम ने भरत को हृदय से लगा लिया और कहा, भैया भरत! तुम तो अत्यंत नीतिवान हो। क्या तुम समझते हो कि मुझे राज्य के निमित्त पिता के …
राम-भरत मिलाप – रामायण कथा अनेक प्राकृतिक शोभा वाले दर्शनीय स्थल चित्रकूट पर्वत पर स्थित थे अतः चित्रकूट में निवास करते हुये राम उन दर्शनीय स्थलों का सीता को घूम-घूम कर उनका दर्शन कराने लगे। …
दशरथ की अन्त्येष्टि – रामायण कथा दूसरे दिन प्रातःकाल गुरु वसिष्ठ ने शोकाकुल भरत को धैर्य बंधाते हुये महाराज दशरथ की अन्त्येष्टि करने के लिये प्रेरित किया। राजगुरु की आज्ञा का पालन करने के लिये …
भरत-शत्रुघ्न की वापसी – रामायण कथा गत रात्रि के स्वप्न और इस प्रकार दूतों के आगमन ने भरत के मन में उठने वाले अनिष्ट की आशंका को और प्रबल कर दिया। किन्तु उनके बार बार …
राजा दशरथ की मृत्यु – रामायण कथा श्रवण कुमार के वृत्तान्त को समाप्त करने के पश्चात् राजा दशरथ ने कहा, कौशल्ये! मेरा अन्तिम समय अब निकट आ चुका है, मुझे अब इन नेत्रों से कुछ …