रामायण कथा Archive

महर्षि अत्रि का आश्रम – रामायण कथा 

महर्षि अत्रि का आश्रम – रामायण कथा  जब भरत चित्रकूट से वापस अयोध्या लौट गये तो राम ने लक्ष्मण से कहा, हे सौमित्र! माताएँ वापस चली गईं इसलिये मेरा हृदय उदास तथा उद्विग्न हो गया …

भरत का अयोध्या लौटना – रामायण कथा 

भरत का अयोध्या लौटना – रामायण कथा  राम ने भरत को हृदय से लगा लिया और कहा, भैया भरत! तुम तो अत्यंत नीतिवान हो। क्या तुम समझते हो कि मुझे राज्य के निमित्त पिता के …

राम-भरत मिलाप – रामायण कथा 

राम-भरत मिलाप – रामायण कथा  अनेक प्राकृतिक शोभा वाले दर्शनीय स्थल चित्रकूट पर्वत पर स्थित थे अतः चित्रकूट में निवास करते हुये राम उन दर्शनीय स्थलों का सीता को घूम-घूम कर उनका दर्शन कराने लगे। …

दशरथ की अन्त्येष्टि – रामायण कथा 

दशरथ की अन्त्येष्टि – रामायण कथा  दूसरे दिन प्रातःकाल गुरु वसिष्ठ ने शोकाकुल भरत को धैर्य बंधाते हुये महाराज दशरथ की अन्त्येष्टि करने के लिये प्रेरित किया। राजगुरु की आज्ञा का पालन करने के लिये …

भरत-शत्रुघ्न की वापसी – रामायण कथा 

भरत-शत्रुघ्न की वापसी – रामायण कथा  गत रात्रि के स्वप्न और इस प्रकार दूतों के आगमन ने भरत के मन में उठने वाले अनिष्ट की आशंका को और प्रबल कर दिया। किन्तु उनके बार बार …

राजा दशरथ की मृत्यु – रामायण कथा 

राजा दशरथ की मृत्यु – रामायण कथा  श्रवण कुमार के वृत्तान्त को समाप्त करने के पश्चात् राजा दशरथ ने कहा, कौशल्ये! मेरा अन्तिम समय अब निकट आ चुका है, मुझे अब इन नेत्रों से कुछ …

श्रवणकुमार की कथा – रामायण कथा 

श्रवणकुमार की कथा – रामायण कथा  महाराज दशरथ ने कहा, कौशल्ये! यह मेरे विवाह से पूर्व की घटना है। एक दिन सन्ध्या के समय अकस्मात मैं धनुष बाण ले रथ पर सवार हो शिकार के …

सुमन्त का अयोध्या लौटना – रामायण कथा 

सुमन्त का अयोध्या लौटना – रामायण कथा  राम से विदा लेकर सुमन्त पहुँचे। उनहोंने देखा कि पूरे अयोध्या में शोक और उदासी व्याप्त थी। उन्हें आते हुये देखकर अयोध्यावासियों ने दौड़ कर रथ को चारों …

चित्रकूट में – रामायण कथा 

चित्रकूट में – रामायण कथा  रात्रि व्यतीत हो गई। प्रातः होने पर अम्बर में उषा की लाली फैलने लगी और आकाश रक्तिम दृष्टिगत होने लगा। राम, सीता और लक्ष्मण संध्योपासनादि से निवृत होकर चित्रकूट पर्वत …

चित्रकूट की यात्रा – रामायण कथा 

चित्रकूट की यात्रा – रामायण कथा  दूसरे दिन प्रातःकाल सन्ध्या-उपासनादि से निवृत होकर राम, लक्ष्मण और सीता ने चित्रकूट के लिये प्रस्थान किया। वे यमुना नदी के किनारे पहुँचे। चित्रकूट पहुँचने के लिये यमुना को …
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